उसकी छांव में बैठकर फना हो जाऊं, जलते राहों के पांव की तलू बन जाऊं, शिकायत हो अगर ख़फा होने की मनाकर तेरे लबों की हंसी बन जाऊं, झूठ,फरेब,सपनों की दुनिया नहीं रहे चाहे तकलीफे पर हकीकत बन जाऊं,