मैं सोच रहा था कि अगर मैं मिल जाता किसी साधुओं की टोली में बैठ कहीं ऊँचे पर्वत पर मैं भी ध्यान में लीन होता रंग बिरंगे वस्त्र छोड़ भगवा तन पर होता हाथ में ले रुद्राक्ष की माला मैं भी राम नाम को जपता एक अद्वितिय सा तेज मेरे भी मुख मण्डल पर होता उससे ज्यादा जीवन में आनन्द भला क्या होता मेरे वैरागी जीवन का सार बस यहीं होता डाल देता मैं भी अपना जीवन उस निराकार की झोली में काश मैं भी मिल जाता किसी साधुओ की टोली में #yqdidi #yqhindi #day50lockdown #साधु #lockdowndiary #वैरागी #ऊँचे #रातकाअफ़साना