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मुक्तक हे प्रिये तुम ही जीवन की पतवार हो। तुम ही प

मुक्तक
हे प्रिये तुम ही जीवन की पतवार हो।
तुम ही प्रभु का दिया मुझको उपहार हो।
तुमपे ही है शुरू तुमपे ही अंत है।
तुम ही सबसे महत्वपूर्ण किरदार हो।

©Dr Nutan Sharma Naval
  #मुक्तक_श्रृंखला#नूतननवल