"मां " पाकर सर पर हाथ आपका हर दुख दर्द भूल मै जाता हूँ हे करूणामयी ममता से भरी "माँ "मै तुमको शीश नवाता हूँ आतीं हैं जब भी विपदायें सर पर हाथ फेर जब देती हो मेरे मन की दुविधायें और सारी चिन्ता हर लेती हो कह कर भी दिल की बात मेरी जो लोग समझ न पाते हैं बिन कहे हुए ही आपसे हम न जाने कब सब कह जाते हैं सारे मन के भावों को खुद आप समझ तुम लेती हो सारी चिन्ता हर कर मेरी जीवन को नई चेतना देती हो आपके इन उपकारों का जीवनभर ऋण चुका न पाऊँगा कामना यही है ईश्वर से हर जन्म में आपका ही बेटा कहलाऊ " मां " - रामजी तिवारी ©Ramji Tiwari #माॅं❣️ #अनोखारिश्ता