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क्या खुब वो पल भी सजेगा सौंधी सी खुशबू से जब उसका

क्या खुब वो पल भी सजेगा
सौंधी सी खुशबू से जब उसका अनवारण होगा,
बिखरी पड़ी है मोतियों की थाल,
सावन की भी है सजी ताल,
भींग चुकी हैं धरा बारिश की बूंदों से
जाने कब बादलों से उसका आलिंगन होगा.

©Avinash Jha
  #सावन