देखो तुम अपना बरताव बदल डालो, जिस सहारे तुमने ये हासिल किया है, उसको तुम कुचल डालो, सपनों के पुल बांध लिये, क्या देखें हैं कि उसका आधार क्या है? क्या देखें हैं उसका सारोकार क्या है?, लायक नहीं हो तो निगल डालो, देखो तुम अपना बरताव बदल डालो, शक्कर सी मीठी है दुनिया,जहर ही पसंद है, तुम कहा टिक सकोगे, ये जुबान ले कर, यहाँ सिका-सिकाया पसंद है, आग का तपा कौन पसंद? चम्मचों की दुनिया में भरी कटोरी किसे पसंद, यही है दुनिया , इसलिए ये सीख अभी से अमल कर लो, तुम अपना बरताव बदल डालो! बरताव