// काश याद होता तुम्हें // काश कुछ याद होता तुम्हें बारिश की वह पहली मुलाकात, प्यार की वो हसीन शुरुआत मैं बीमार ना पड़ू , मैं गिर ना पड़ू कैसे दौड़े चले आते थे तुम एहसास का अंजाना रिश्ता लेकर मेरा फरिश्ता बनकर, अजीब सी बेचैनी का दर्द हर वक्त उठाते थे तुम, काश याद होता तुम्हें वो सतरंगी शाम मारती थी हिलोरे जब भावनाएं दिल में तुम्हारे कैसे दौड़े चले आते थे तुम पास हमारे, काश मेरे संग बिताए लम्हे का कोई भी पल याद होता तुम्हें.... ©chanda Yadav #wordsofchanda#lovesadpoetry