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बुर्फ बन चुके आदमी का सानिध्य पा कर. मुझे लगा....

बुर्फ बन चुके  आदमी का सानिध्य पा कर.
मुझे लगा.....
इस झूलसाने वाली  तपन में  
पीने के लीए  शीतल जल पा जाऊंगा..   
मैं उसके पास बैठ कर उसके पिघलने की
प्रतिक्षा  करने  लगा और  तभी उसकी पिघलन से 
 उसके मुँह से  सभी धर्मो के
जयकारे एक एक कर  बह  कर  बाहर  आने लगे
"जय श्री राम "  "अल्लाह हों अकबर "
"बुद्धिम  शरणनम  गाछामी "
शुक्र है  उस बर्फ़ीले  आदमी के पास  हिंसक
अस्त्र शस्त्र नही थे अन्यथा वे भी पिघल कर
बह  जाते

©Parasram Arora बर्फीला  आदमी.....
बुर्फ बन चुके  आदमी का सानिध्य पा कर.
मुझे लगा.....
इस झूलसाने वाली  तपन में  
पीने के लीए  शीतल जल पा जाऊंगा..   
मैं उसके पास बैठ कर उसके पिघलने की
प्रतिक्षा  करने  लगा और  तभी उसकी पिघलन से 
 उसके मुँह से  सभी धर्मो के
जयकारे एक एक कर  बह  कर  बाहर  आने लगे
"जय श्री राम "  "अल्लाह हों अकबर "
"बुद्धिम  शरणनम  गाछामी "
शुक्र है  उस बर्फ़ीले  आदमी के पास  हिंसक
अस्त्र शस्त्र नही थे अन्यथा वे भी पिघल कर
बह  जाते

©Parasram Arora बर्फीला  आदमी.....

बर्फीला आदमी.....