पत्थरों के शहर में दिल लेकर आया हूँ दिल टुकड़े टुकड़े हो भी जाए, डर नहीं मैं पत्थर से इंसान बनने आया हूँ इस दौड़ में मैं भी दौड़ने आया हूँ सपनों का पहिया लेकर रुख ज़िन्दगी का मोड़ने आया हूँ बहोत देर लगी आते आते देर से ही सही, सही राह लौट आया हूँ वक़्त की धूल पड़ी है जिन रिश्तों पर धूल हटाकर वही रिश्ते जोड़ने आया हूँ इस दौड़ में मैं भी दौड़ने आया हूँ गज़ब की मोहब्बत थी मुझे उससे उसकी ख़ुशी की खातिर उसका साथ छोड़ आया हूँ मुझको न ढूंढो अब बंध दरवाज़ों के पीछे देखो खुले आसमान की ओर मैं उड़ने का हुनर सीख आया हूँ रातों को अब चैन कहाँ कि चादर ओढ़ सो जाए वो मैं दिन रात एक करने आया हूँ ख़ामोशी ने बांध रखा इन लबों को बरसों तक मैं ख़ामोशी से इस ख़ामोशी को मिटाने आया हूँ दुआओं में मेरी असर अभी बाकी है और मैं हूँ कि खुदा के दर से खाली हाथ लौट आया हूँ मैं पत्थर से इंसान बनने आया हूँ इस दौड़ में मैं भी दौड़ने आया हूँ पत्थरों के शहर में दिल लेकर आया हूँ दिल टुकड़े टुकड़े हो भी जाए, डर नहीं मैं पत्थर से इंसान बनने आया हूँ इस दौड़ में मैं भी दौड़ने आया हूँ सपनों का पहिया लेकर रुख ज़िन्दगी का मोड़ने आया हूँ