नाम लेता हूँ जब रब का, होता है जिक्र तुम्हारा, गर ख़ुद की चिंता करुँ तो, होता है फिक्र तुम्हारा। मेरे गीतों ग़ज़लों में छुपे, अल्फाज़ तुम्हारे होते हैं, सुनता हूँ उन ग़ज़लों को, याद आता हिज्र तुम्हारा। भूल नहीं सकता ये दिल, बीते उन हसीन पलों को, मिलूँ एक बार, फिर जाने क्या होगा हश्र हमारा। Challenge -10... #collabwithप्रेमलेखन #प्रेमलेखन #जिक्र_तुम्हारा 👔- सभी लेखक अपनी रचना 6 लाईन में लिखे । 👔- इस प्रतियोगिता का विजेता कल शाम 7 बजे टेस्टीमोनियल के माध्यम से घोषित किया जायेगा । 👔- सभी ज्यादा से ज्यादा कोलब करें । 👔-धन्यवाद ।। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine