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मैं लौटना चाहा अपने गांव लेकिन शहर के जिम्मेदारिय

मैं लौटना चाहा अपने गांव 
लेकिन शहर के जिम्मेदारियों ने 
मुझे कभी तेरे लिए कभी वक्त दिया नहीं।
आज जब मुड़ के देखता हूं।
मुझे हर चीज अनजान लगता है।
अपना गांव मुझे पराया दिखता है।

©मुसाफिर
  #evening