क्षण भर के लिए नहीं बल्कि कई दिनों से उदास पड़ा हूँ मीलों की यात्रा के बाद भी मुझे लगता है ईश्वर ने मुझे गहरी नींद में सुलाने की कोशिश की है मगर वो भूल गया जलती चिताओं के दौरान आंख नहीं लगती लिखते-२ ईश्वर को नींद आ गई हाथ की कलम मेरी आँख में जा लगी अततः ना बची ना आंखों की दुनिया मन बैठा है इस बात को लेकर ईश्वर ने यह गलती जान बुझकर की है | क्षण भर के लिए नहीं बल्कि कई दिनों से उदास पड़ा हूँ मीलों की यात्रा के बाद भी मुझे लगता है ईश्वर ने मुझे गहरी नींद में सुलाने की कोशिश की है