इश्क़ हमारा उसे कभी गवारा नहीं हुआ जो हमारा था वो कभी हमारा नहीं हुआ हम तैयार बैठे थे खिड़की पर आने को कमबख़्त उसका कभी इशारा नहीं हुआ #क़ातिलाना_इशारा