खुशी कहाँ नववर्ष की , कहां हमारा पर्व ।
जग की झूठी रीत पर , कैसे कर लें गर्व ।। १
मेरा नूतन वर्ष तो , चैत्र मास की ओर ।
अन्न धन्न से घर भरे , खुशियाँ हो पुरजोर ।। २
सभी बधाई दे रहें , आया है नववर्ष ।
गाकर मंगलगीत हम , चलो मनाएँ हर्ष ।। ३ #कविता#HappyNewYear