White मैं डुबा रहा उस नशे में जहां बर्दाश्त की हदें खत्म हो गई जाना चाहा उन्हीं रास्तों पर जहां हसरतें खुद को गुमनाम करने की हो गई मैं भी शायद लुट गया इतना की सब की ज़रूरतें खत्म हो गई ©SAAHIL KUMAR ख़त्म ही सही