शहर हर एक शख्स बस चलता चला जा रहा शहर की राहों पर बढता जा रहा खाली होते वो गांव माटी से जुदा होते वो पाव इस भीड़ मे खुद को खोने को बस बढता ही जा रहा खुद को खोने चला........