कितना अज़ीब है ना दिसंबर और जनवरी का रिश्ता जैसे पुरानी यादों और नयी वादो का किस्सा दोनों वक़्त के राही है, दोनों में गहराई है यूं तो दोनों का है वही चेहरा,वही रंग उतनी ही तारीखे,उतनी ही ठंड पर पहचान अलग है दोनों की अलग है अंदाज़ और अलग है ढंग एक अंत है, एक शुरुआत जैसे रात से सुबह,सुबह से रात एक मे याद है, दूसरे मे आस एक को तज़ुर्बा है, दूसरे मे है विश्वास...।।। ©Nandini Sahoo दिसंबर से जनवरी.. ।। #WalkingInWoods