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समर्पण और भक्ति रंग के आनंद में डूबे मन की होली

समर्पण और भक्ति रंग के आनंद में डूबे
मन की
होली


फ़िकर करता है क्यों पगले तेरे हैं साथ ठाकुर जी
बनाए क्यों किसे मालिक तेरे हैं नाथ ठाकुर जी
बनाई है गज़ब दुनिया वो तेरा दिल ज़हन जाने
समझते हैं बिना बोले तेरे जज़्बात ठाकुर जी

©Narendra Pareek
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