Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक नशा सा छा गया है,मन की गहराइयों में। हर लम्हा त

एक नशा सा छा गया है,मन की गहराइयों में।
हर लम्हा तड़पा रहा है,रात की तन्हाईयों में।।
रूबरू होते नही हैं, पास वह आते नही हैं ।
अक्स बनकर छा गये हैं, मदभरी अंगड़ाईयों में।।
क्या खबर थी मोहब्बत में,वह इतना तड़पायेंगे।
जीवन भँवर बन जायेगा, साँसों की गहराइयों में।।
कुछ पलों का साथ था, कुछ पलों की आस थी।
दूर होते ही गये वह,अपनी ही रुसवाईयों में।।
अब कभी वह आयेंगे, ऐसा मुझे लगता नही।
आँखें डगर पर हैं लगी,ढूंढती हैं परछाईयों में।।

©Shubham Bhardwaj
  #feelings #एक #नशा #सा #छा #गया #मन #की