आशाओं की गठरी सर रख,कंटक पथ पर ढोते हैं। अक्सर मिडिल क्लास के लड़के,संघर्षों में होते हैं। बिजली बिल बढ़ रही निरंतर,बढ़े खेत की पनिहाई। मम्मी की कुछ दवा खतम है,सर पर बैठी महंगाई। आटा चावल दाल खतम है,आलू मिर्चा तरकारी। इन्हें वसीयत में मिलती है,घर की सारी जिम्मेदारी। विषम परिस्थितियों में फंस करके,अपना आपा खोते हैं। अक्सर मिडिल क्लास के लड़के,संघर्षों में होते हैं। जिम्मेदारी के संग संग ही,पढ़ना लिखना होता है। कुंभकरण की नींद के जैसे,भाग्य भी इनका सोता है। पर्वत जितना मेहनत करते,राई जितना फल मिलता। काश कठिन जीवन भी इनका,थोड़ा सा सरल मिलता। नाव स्वयं पतवार स्वयं ही,अपना जीवन खेते हैं। अक्सर मिडिल क्लास के लड़के,संघर्षों में होते हैं। #मौर्यवंशी_मनीष_मन #गीत_मन #tantak_mann