मैं और क़लम, जैसे ज़िस्म और जान, कभी नहीं रहते, एक दूसरे से अलग। मैं और क़लम दोनों मिलकर, लिखते हैं कविताएं अपार, शब्दों का बेजोड़ संगम करके, भर देते हैं उसमे प्राण। क़लम एक मेरी ऐसी दोस्त है कि, जिसने आज तक कभी धोखा नहीं दिया मुझे, वह तो बस लिखती है हमेंशा, मेरे मन के सच्चे जज़्बात। मैं और क़लम मिलकर लिखते हैं, आशिकों के लिए दिल की शायरी, प्रेमियों के लिए जज़्बात से भरी कवितायें, टूटे दिल के लिए आंसुओं की कहानी, और दुनिया के लिए सच्चाई का पैग़ाम। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1001 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।