कभी जो सर पे प्यार का भूत सवार हो जाए कभी जो तुम्हें इश्क का कीड़ा काट खाए। कुछ करना ना करना पर एक बात याद रखना 35 टुकड़ों में तुम्हारी बॉडी किसी फ्रिज में ना जाए।। श्रद्धा बन किसी आफताब को दिल मत देना साक्षी बन किसी साहिल से इश्क मत करना। सरस्वती बन किसी मनोज साने को मत चाहना ऐसे कई उदाहरण हैं उन्हें हमेशा याद रखना।। 20 बार चाकू के वार और पत्थर से अपना सर कब तक कुचलवाती रहोगी। कभी 35 तो कभी 70 टुकड़ों में कब तक फ्रिज और कुकर में जाती रहोगी।। इतना कुछ होता देख भी क्यों पत्थर पड़े हैं तेरी अकल पे इंसान अच्छा है या बुरा ये नहीं लिखा होता उसकी शकल पे। किससे दोस्ती करनी है किससे प्यार ये बेशक फैसला तुम्हारा है पर थोड़ा तो सोचकर कदम उठाओ मरकर आना नहीं दोबारा है।। मैं कोई नहीं लगता तुम्हारा चलो अपना भाई ही मान लो ऐसे लोग किसी के सगे नहीं होते ये बात अच्छे से जान लो। तुम जैसा सोचो हर कोई वैसा ही हो ये ज़रूरी तो नहीं मेरा ना सही पर अपने मां बाप का कहना तो मान लो।। बात बहुत कड़वी है मगर बिल्कुल ही सच्ची है तू जैसी भी है अपने मां बाप की प्यारी बच्ची है। दो दिन की मुहब्बत के लिए अपने घरवालों को मत छोड़ना क्योंकि मरी हुई बेटी से ज्यादा उनकी जिंदा बेटी अच्छी है। ©Kumar Sumit #Woman #Stop_Killing_Innocents