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गीदड़ की तरह घुस आये थे, सिंहो से बच पाओगे क्या? न

गीदड़ की तरह घुस आये थे,
सिंहो से बच पाओगे क्या?
निर्दोषो की हत्या से तुम, 
जन्नत को पहुँच जाओगे क्या?

दो गज ज़मीन ना मिल पायी, 
मानवता के हत्यारो को |
और कहते थे जन्नत होगा, 
रहमत होगी खूंखारो को |
-कृष्णामरेश

©Amresh Krishna #15yearsofmumbaiattack
गीदड़ की तरह घुस आये थे,
सिंहो से बच पाओगे क्या?
निर्दोषो की हत्या से तुम, 
जन्नत को पहुँच जाओगे क्या?

दो गज ज़मीन ना मिल पायी, 
मानवता के हत्यारो को |
और कहते थे जन्नत होगा, 
रहमत होगी खूंखारो को |
-कृष्णामरेश

©Amresh Krishna #15yearsofmumbaiattack