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White भटके हुए थे कहीं तो उजाला मिलेगा, दुखी थे

White भटके हुए थे 
कहीं तो उजाला मिलेगा,
दुखी थे 
मन से  कहीं तो सुकून मिलेगा।
खड़े थे 
एकटकी लगाए कभी तो दुख का बादल छटेगा,
उम्मीद में थे
पत्थर में भी फूल खिलेगा।
वीराने से थे
कहीं तो सूरज की किरण दिखेगी,
खोज में थे
कहीं तो रास्ता दिखेगा।

©Shishpal Chauhan
  #उदासियां