मैं पागल सा परिंदा हूँ... तभी तो यार ज़िंदा हूँ.... अगर हम भी... समझदार होने की सोच लेते.. तो ये गिद्ध जैसे पक्षी .. हमको कबका नोच लेते... मैं खुदा को लिखता हूँ.. मैं खुदा का बंदा हूँ मैं पागल सा परिंदा हूँ... तभी तो यार ज़िंदा हूँ.... ©Deepak Dilwala आज़ाद परिंदा... #Hindi #writing #HindiPoem #Meanings #thought #Khyaal #gehribaat #hindiwritings #darkness