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गीता ज्ञान कर्म सिद्धांत। मनुष्य कभी भी दूसरों के

गीता ज्ञान
कर्म सिद्धांत।
मनुष्य कभी भी दूसरों के
विचारों से दुखी होता ही
नहीं है।
मनुष्य हमेशा अपने विचारो से ही
दुखी होता है
जब तक मनुष्य अपने विचार प्रकट
 नहीं करता तब तक दुनिया की कोई ताकत उन्हें दुखी नहीं कर सकती।
यही सत्य है

©Dharmraj lohar
  गीता ज्ञान

गीता ज्ञान #विचार

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