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शीर्षक - "तुम कहाँ नहीं हो" मेरी सुबह में तुम हो

शीर्षक - "तुम कहाँ नहीं हो" 

मेरी सुबह में तुम हो,
मेरी शाम में तुम हो,

मेरे दिन में तुम हो,
मेरी रात में तुम हो,
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(पूरी कविता नीचे कैप्शन में पढ़िए) मेरी सुबह में तुम हो,
मेरी शाम में तुम हो,

मेरे दिन में तुम हो,
मेरी रात में तुम हो,

मेरे अंदर तुम हो,
मेरे बाहर तुम हो,
शीर्षक - "तुम कहाँ नहीं हो" 

मेरी सुबह में तुम हो,
मेरी शाम में तुम हो,

मेरे दिन में तुम हो,
मेरी रात में तुम हो,
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(पूरी कविता नीचे कैप्शन में पढ़िए) मेरी सुबह में तुम हो,
मेरी शाम में तुम हो,

मेरे दिन में तुम हो,
मेरी रात में तुम हो,

मेरे अंदर तुम हो,
मेरे बाहर तुम हो,

मेरी सुबह में तुम हो, मेरी शाम में तुम हो, मेरे दिन में तुम हो, मेरी रात में तुम हो, मेरे अंदर तुम हो, मेरे बाहर तुम हो, #कविता