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pravinholkar0332
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Pravin Holkar

जो परिचय दे भी दूँ, तो क्या मुझे जान पाओगे? #First_love_flute

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Pravin Holkar

#Achyutam_Keshavam_Krishna_Damodaram 
Roshan Maharshi OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) 
#FlutePlayer 
#Flute 
#flutelover 
#bhajan 
#krishna_flute  Anjali Singh

#Achyutam_Keshavam_Krishna_Damodaram Roshan Maharshi OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की) #FlutePlayer #Flute #flutelover #bhajan #krishna_flute Anjali Singh #nojotovideo #संगीत

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Pravin Holkar

हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, 
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे।

हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे। #nojotovideo #संगीत

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Pravin Holkar


कभी-कभी मेरी बोतल से,
जरा सा पानी पी लेता है,
तो कभी-कभी बगैर पूछे, 
मेज़ से चीज़ो को उठा लेता है।

कभी-कभी यूँ ही बैठे-बैठे 
नयी कुर्सी की पोलोथिन को,
अपने नाखूनों पर बांधकर,
मेरे हाथ पर जोर से खींच देता है। 

कभी-कभी बस यूँ ही पूंछ बैठता है,
कि मेरे से डिस्टर्ब तो नहीं हो रहा, 
फिर भी ना जाने क्यों वो मेरे पास बैठता है। 

हाँ, वो मेरे से बातें नहीं करता है, 
फिर भी ना जाने क्यों वो,
बेवजह यूँ ही देखकर मुस्करा देता है। 
 कभी-कभी मेरी बोतल से,
जरा सा पानी पी लेता है,
तो कभी-कभी बगैर पूछे, 
मेज़ से चीज़ो को उठा लेता है।

कभी-कभी यूँ ही बैठे-बैठे 
नयी कुर्सी की पोलोथिन को,
अपने नाखूनों पर बांधकर,

कभी-कभी मेरी बोतल से, जरा सा पानी पी लेता है, तो कभी-कभी बगैर पूछे, मेज़ से चीज़ो को उठा लेता है। कभी-कभी यूँ ही बैठे-बैठे नयी कुर्सी की पोलोथिन को, अपने नाखूनों पर बांधकर,

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Pravin Holkar

उसे रात का अँधियारा पसन्द है, 
और मुझे सुबह की लालिमा। 

उसे चाय की मिठास पसंद है,
और मुझे दूध की महक। 

उसे बातें करना पसंद है,
और मुझे ख़ामोश रहना।

उसे बाहर की दुनिया पसंद है,
और मुझे कमरे में ख़ुद को अकेला रखना। 

उसे ख़ूबसूरती पसंद है,
और मुझे सादगी। 

उसे रूहफ़्जा पसंद है,
और मुझे नींबू-पानी। 

उसे गुनगुनाना पसंद है,
और मुझे सुनना। 

उसे लिखना पसंद है,
और मुझे पढ़ना।  

उसे वो सब-कुछ पसंद है,
जो मुझे नहीं है। #उसे वो सब-कुछ #पसंद है,
जो मुझे नहीं है।

#उसे वो सब-कुछ #पसंद है, जो मुझे नहीं है। #poem

7 Love

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Pravin Holkar

इंसाँ की ख्वाहिशें 
इतनी बड़ी हो गई हैं "पवन",
एक छोटी सी ख्वाहिश 
मुकम्मल होने पर भी ख़ुश नहीं होता। #ख्वाहिशें
#एक_छोटी_सी_ख्वाहिश
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Pravin Holkar

शीर्षक - "तुम कहाँ नहीं हो" 

मेरी सुबह में तुम हो,
मेरी शाम में तुम हो,

मेरे दिन में तुम हो,
मेरी रात में तुम हो,
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-----
(पूरी कविता नीचे कैप्शन में पढ़िए) मेरी सुबह में तुम हो,
मेरी शाम में तुम हो,

मेरे दिन में तुम हो,
मेरी रात में तुम हो,

मेरे अंदर तुम हो,
मेरे बाहर तुम हो,

मेरी सुबह में तुम हो, मेरी शाम में तुम हो, मेरे दिन में तुम हो, मेरी रात में तुम हो, मेरे अंदर तुम हो, मेरे बाहर तुम हो, #कविता

9 Love

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Pravin Holkar

 मेरी #गलतियाँ 
#friends #nojotohindi
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Pravin Holkar

 #इंतज़ार... #nojotohindi
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Pravin Holkar

 कुछ #लोग मिले राहों में

कुछ #लोग मिले राहों में

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Pravin Holkar

तेरे आने से मेरी हर सुबह होती है,
तेरे जाने से मेरी हर शाम होती है।

तेरा सुबह-सुबह,
मनभावन सी लालिमा लिये,
मुझको यूँ ताकना,
मेरे लिए नये ख्वाब और नये अहसास देना है।

सर्द अहसासों में,
तेरा दिल खोलकर मुझ पर यूँ मुस्कराना,
मेरी इजाज़त के बिना, 
मेरी रूह को छूकर जाना,
तेरा, इज़हार-ए-मोहब्बत जताना है।
मेरा भी मन करता है कि
बस यूँ ही तेरे जर्द साये में बैठा रहूँ।

तेरा आँख मिचौली करते हुए इठलाना,
मेरे साथ तेरा यूँ खेल खेलना,
तेरा मुझ पर जादू चलाना है।

रात तेरे इंतजार में यूँ ही गुजर जाती है,
सुबह तेरे आने से पहले,
मेरी अलसाई नजरें तेरी राह ताकती हैं।

सूरज की पहली किरण,
मुझे जीने का मकसद दे जाती  है...!!!
(..... ✍️✍️✍️) #सूरज की पहली #किरण

#सूरज की पहली #किरण

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