ये रौशनी मेरे ख्वाबों की दुनिया में खलल डालती है, अजब दुनिया है जहाँ, रौशनी धुंधला कर डालती है। अन्धेरे की औलादें बगावत पर है ये मशालें सम्भालिए कई बार घर जला डालती हैं। जलीओ-जलाइयो सिफारिश है कि जलना-जलाना जाड़े में करियो महूरत का सदके में गरीब की ठंड में रौशनी गैरत की आग तापती है।