Nojoto: Largest Storytelling Platform

उसकी मुहोब्बत का कोई ठिकाना नही था चुप थी वो मेरे

उसकी मुहोब्बत का कोई ठिकाना नही था
चुप थी वो मेरे सवालो पे 
 क्यों कि बताने के लिए कोई बहाना नही था

हमने भी उसे इसलिये अपना था
क्यों की शायद उसके दिल को पहचना नही था दिल को पहना नही था
उसकी मुहोब्बत का कोई ठिकाना नही था
चुप थी वो मेरे सवालो पे 
 क्यों कि बताने के लिए कोई बहाना नही था

हमने भी उसे इसलिये अपना था
क्यों की शायद उसके दिल को पहचना नही था दिल को पहना नही था
prayahraj2971

prayag raj

New Creator

दिल को पहना नही था