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अब कोई आये य न आये मिलने मुझसे तेरा यूँ अचानक छोड़

अब कोई आये य न आये मिलने मुझसे
तेरा यूँ अचानक छोड़ जाना बहुत सताता है। 

ये पेड़ , पौधे शाखाये
सब उदास बैठी है
अब कोई किसको
क्या समझाये इन्हें 
वसंत याद आता है

माँ ने कभी कहा था हमसे 
क्या? घर का खाना नही लुभाता है
लो आज मैं कहता हूँ 
मुझे वो खाना याद आता है

मंदिर , मस्ज़िद , और  गुरुद्वारा
सब अपनी जगह
मुझे तो बस
माँ, बाप का ख्याल आता है। #माता-#पिता @और #मौसम
अब कोई आये य न आये मिलने मुझसे
तेरा यूँ अचानक छोड़ जाना बहुत सताता है। 

ये पेड़ , पौधे शाखाये
सब उदास बैठी है
अब कोई किसको
क्या समझाये इन्हें 
वसंत याद आता है

माँ ने कभी कहा था हमसे 
क्या? घर का खाना नही लुभाता है
लो आज मैं कहता हूँ 
मुझे वो खाना याद आता है

मंदिर , मस्ज़िद , और  गुरुद्वारा
सब अपनी जगह
मुझे तो बस
माँ, बाप का ख्याल आता है। #माता-#पिता @और #मौसम