वो जो रावण है । वो पाप का प्रतिक है । जो राम है वो धर्म का रीत है । उन्हे धर्म से प्रीत है । मत जलाओ रावण को । वो तो जल चुका है । कब का मर चुका है । मरे हुए को कब तक मारोगे । कब तक गड़े मुरदे उखाड़ोगे । अगर अंत हि करना है । और तुम्हे लगता है तुम कर सकते हो । खुद से लड़ सकते हो । तो खुद से पूछो अंदर के रावण को ढूंढ निकालो । उसका अंत कर डालो । इंसान हो तुम खुद को पेहचानो । ©Author shivam kumar mishra #Nojoto #Love #humanity #ravan #purity #Life #happydussehra