दया की मूरत पे वारी जाऊं सदा भगत के जो वश रही है..! अनादिकाले नयनकमल से अथाह करुणा परस रही है..! कृपा की गंगा चरणकमल से दसों दिशा में निकस रही है..! जिन्हें थी पाने को प्यासी अँखियाँ उन्हें ही पाकर बरस रही है..! ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #NojotoRamleela