तुम उसको पाओगे मुरझाए दिल का आकार पता कर पाओगे, फटे होंठों पे फिर से कैसे मुस्कुरा पाओगे, मन में नदियों का हज़ार पहरा है, पर वो समंदर से काफी गहरा है, कल कुछ छीटों ने समेट लिया था, फिर बेदाग कैसे खुद को ठहरा पाओगे, यूं तो बेदम है हरकत फिर फतेह कहां लहरा पाओगे, जो बीत गया है वक्त का दरिया, फिर कहां से तुम उसको पाओगे। तुम उसको पाओगे #yqbhaskar