डर की गांठे खोले, निज साहस को तोले, अकेला लड़ना होगा- जीवन की जय बोलें । सब है चालू गोले, सबके दागी चोले, नित अजीब खेला होगा- जीवन की जय बोले । जग भरा घातक शोले, जहर के द्रव्य घोले, हास्यजनक जगत होगा- जीवन की जय बोले । दुष्टों के बने टोले, आवारों से डोले, यहाँ विचित्र चरित्र होगा- जीवन की जय बोले। डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' 🇮🇳 ©Anand Dadhich #jeevan #Zindagi #kaviananddadhich #poetananddadhich #thought #dearzindgi