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ananddadhich5895
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Anand Dadhich

Author of 1. 'मंजूषा', 2. 'हरिवंश के आनंद' Creator of community web portal for Dadhich namely www.karnatakadadhich-parishad.webs.com Founder of All India Dadhich Tax Helpline (2011) Member of 'GRAOWA' apartment society Blogger views-ananddadhich.blogspot.com AnandDadhich.Blogspot.Com Poetanand-dadhich.blogspot.com

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Anand Dadhich

बहुरंगा..जीवन का राग है

कहीं संघर्षो का विलाप है,
कहीं असीम अनंत विलास है,
कहीं भूखमरी की आग है,
कहीं विपुल भोज स्वाद है,
बहुरंगा..जीवन का राग है।

कहीं दरिंदगी के भद्दे दाग है,
कहीं ज्ञानमाय संत समाज है,
कहीं प्रकृति से मेल मिलाप है,
कहीं शजरों की बुझी राख है,
बहुरंगा..जीवन का राग है।

कहीं मूकता की आवाज है,
कहीं बातों से घिरा विवाद है,
कहीं इरादों के अनुवाद है,
कहीं बेवफ़ाई के वाद है,
बहुरंगा..जीवन का राग है।

कहीं तमन्नाओं का आलाप है,
कहीं वेदनाओं का सैलाब है,
कहीं कौशलता की चाक है,
कहीं बाहुबलता की धाक है,
बहुरंगा..जीवन का राग है।

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' 🇮🇳

©Anand Dadhich #बहुरंगा_जीवन_का_राग #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia #Life 

#Book
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Anand Dadhich

अब ध्वस्त हर उन्माद चाहिए.. 
ये बर्बरताएं, बर्बाद चाहिए.. 
न्याय नीति का निनाद चाहिए-
हे कृष्ण, फिर शंखनाद चाहिए।
     दुशासनों की हो रही जयकार,
     उजालों में भी पसरा अंधकार,
     झूठी खबरों का होता प्रचार,
     अब,महाभारत की याद चाहिए-
     हे कृष्ण, फिर शंखनाद चाहिए।
पाप, पापी हो रहे खूंखार,
दुर्जनों, खोटो से ढका संसार,
दृष्टिवान अंधो का हुआ विस्तार,
सुदर्शन चक्र का आघात चाहिए-
हे कृष्ण, फिर शंखनाद चाहिए।
     विधर्मियों से भर गया बाजार,
     मानकों का बचा ना आधार,
     त्रस्त पीड़ित जन मन करें पुकार,
      ये बर्बरताएं बर्बाद चाहिए-
     हे कृष्ण, फिर शंखनाद चाहिए।

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' 🇮🇳

©Anand Dadhich #rgkar #Women #safety #kaviananddadhich #poetananddadhich #Hindi #poetsofindia
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Anand Dadhich

उन्मुक्त तिरंगे की, निराली है निशानियाँ,
केसरी रंग दर्शाता, वीरों की कहानियाँ,
श्वेत रंग गाता, विश्व शांति की जुबानियाँ,
हरित रंग चलवाता, समृद्धि की गाड़ियाँ।

तेज तिरंगे की अटूट; अटल सी यारियाँ,
नील चक्र सिखाता, सातत्य की कहानियाँ,
अनवरत, विस्तृत, राष्ट्रध्वज की डोरियाँ, 
निश्चल, निश्छल, निर्मल, तिरंगे की बोलियाँ।

रखवाली रक्षण हेतु, तत्पर है जवानियाँ, 
लहराओं और याद करों बलिदानियाँ,
दिखलादों अब शूरता भरी सलामियाँ,
उन्मुक्त तिरंगे की निराली है निशानियाँ।

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि'

©Anand Dadhich #Tiranga #IndependenceDay #flag #kaviananddadhich #poetananddadhich
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Anand Dadhich

आततायी, विध्वंसक अब बिखर रहा,
सुख समतामय में भारत निखर रहा,
अब बेबस नहीं अपना देश प्यारा;
निशिदिन सशक्त प्रगति पथ संवर रहा !
सुभग तिरंगा लहर लहर, लहर रहा।

अंतस्ताप, दुःख दर्द अब गुजर रहा,
शुभ मंगल सुनहला भारत उभर रहा,
अब विचलित नहीं यह देश प्यारा;
निशिदिन प्रचंड महारत संवर रहा !
सुभग तिरंगा लहर लहर, लहर रहा। 

अर्थ पिपासु प्रवंचक थर-थर डर रहा
सुभग तिरंगा लहर लहर, लहर रहा,
अब विवश नहीं अपना देश प्यारा;
शोभित गगन संग भारत संवर रहा !
सुभग तिरंगा लहर लहर, लहर रहा।

शोषक, लुटेरा, डाकू सिहर रहा,
झूठों का साम्राज्य घिर, गिर रहा,
अब मजबूर नहीं यह देश प्यारा;
घर आँगन, गाँव शहर सब संवर रहा।
सुभग तिरंगा लहर लहर, लहर रहा। 

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि'

©Anand Dadhich #Tiranga #IndependenceDay #Bharat #Flag #kaviananddadhich 
#India2024
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Anand Dadhich

सावन है, सोमवार है,
झिरमीर-झिरमिर फुहार है,
बादलों में छुपा नभ है-
धरा का अतुल श्रृंगार है। 

प्रिया है, ठंडी बयार है,
बूँदों की मस्त मनुहार है,
घनी पर्वतमालाएँ है-
गजब अनुपम तुषार है।

नदियाँ है, जलधार है,
मुदित मयूर बेसुमार है,
लबालब झील सरोवर है-
अप्रितम सृष्टि उपहार है। 

खुशबू है, मधुर खुमार है,
बागों में आनंद अपार है,
वन उपवन मन महके है-
अद्भुत सावन की फुहार है। 

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' 🇮🇳

©Anand Dadhich #sawan #Phuhar #rain  #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia
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Anand Dadhich

बजट - दो टूक

निस्तेज प्रवेश हुआ,
बजट पेश हुआ,
चंचल परिवेश हुआ,
बेचैन देश हुआ,
भ्रम शेष हुआ,
कर विशेष हुआ,
मुफ्त कलेश हुआ,
विकास लेश हुआ,
हैरान भेष हुआ,
झीना ठेस हुआ,
गुप्त समावेश हुआ,
नया निवेश हुआ,
बासी विनिवेश हुआ,
एक बार फिर-
बजट पेश हुआ !

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि'

©Anand Dadhich #बजट #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia 

#Budget2024
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Anand Dadhich

पोली पुँजीयों से शादियाँ

एक मोटी अमीर मुट्ठी ने,
अन्य चंद मुट्ठियों को,
अपनी गोलमोल मुट्ठी में,
जमा लिया, नचा लिया !
एक छोटे रिचार्ज से..,
खुदरा व्यापार से, 
रसायन भंडार से,
ऊर्जा विस्तार से, 
खेल करार से..,
कब कैसे ये मुट्ठी, 
इतनी मोटी हो गयी, 
पता ही नही चला।
बहरहाल-
वो इतर चंद मुट्ठियां, मुझे;
बड़ी लाचार, बड़ी लालची,
बड़ी नकली, बड़ी कृत्रिम,
विभाजित, विभक्त, खंडित,
भिन्न भिन्न सी नजर आई।
परिवेश में खुशी कम,
हँसी ज्यादा नजर आई।
एक बार फिर, भक्तिवादी,
समाजवादी, साम्यवादी सोच;
पूंजीवादी में धँसी नजर आई।

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि

©Anand Dadhich #kaviananddadhich #poetananddadhich 

#weather_today
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Anand Dadhich

सिलसिला भगदड़ का..

भगदड़ हुई,
हाथरस में..,भक्तिरस में,
कुंडली में..,मंडली में,
शामियाने में..,दवाख़ाने में,
सभाओं में.., कथाओ में !

फिर भगदड़ हुई,
टीवियों में..,बुद्धिजीवियों में,
अख़बारों में..,पत्रकारों में,
विचारों में..,आचारों में,
यादों में..,मुरादों में !

सबने धर्म को कोसा,
आडम्बर को नापा,
दक्षिणा को तोला,
बहस को घोला, फिर;
भगदड़ कर, भीड़ को,
भगदड़ के हवाले कर,
कही और भगदड़ करने,
सब चले गये ...!

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि'

©Anand Dadhich #bhagadad #भगदड़ #Stampede #Hatharas #kaviananddadhich #poetananddadhich
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Anand Dadhich

💕Marriage Anniversary 💕
कुछ पंक्तियाँ... 

आत्म मुग्ध पुष्प सी रहो,
जो चाहो, जब चाहो कहो,
मेरा प्रेम गगन सा है... 
प्रेम रखो, प्रेम में रहो !

सिंधु, झेलम, माही सी रहो,
तमाम गहराइयाँ छुओं,
मेरा प्रेम नदियां सा है... 
जितना चाहो, उतना बहो !

तुम आभा, प्रभा सी रहो,
मोहक मंदाकिनी सी सजो,
मेरा प्रेम धरा सा है... 
बनकर, अनंत बसंत रहो !

आत्म मुग्ध पुष्प सी रहो..। 

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि'

©Anand Dadhich #lovepoems #kaviananddadhich #poetananddadhich #marriagequotes
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Anand Dadhich

प्रेमिकाओं से..,
     दृष्टि मिले तो;
     तो दृश्य अच्छे लगते है,
     नाटक मिले तो;
     अभिनय अच्छे लगते है,
     झपकी मिले तो;
     भविष्य अच्छे लगते है,
     नींद मिले तो;
     सपने अच्छे लगते है!
प्रेमिकाओं से..,
     हाल मिले तो;
     बेहाल अच्छे लगते है,
     बात मिले तो;
     सार अच्छे लगते है,
     स्वर मिले तो;
     गाने अच्छे लगते है,
     इशारे मिले तो;
     तराने अच्छे लगते है!
पर आजकल..,
प्रेमिकाओं से..,
खटाखट, खचाखच,
मांग मिले तो,
प्रेमी अकेले अच्छे लगते है!

डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि'

©Anand Dadhich #premika #kavita #kaviananddadhich #poetananddadhich 

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