मुझे मेरा घर परिवार देश की मिट्टी प्यारी हैं मन के महासागर में संयम का बाँध बाँधना जारी हैं निकलते हो रोज़ाना लेने जोख़िम का सामान मुझे बताओं हे!बुद्धिजीव ऐसी भी क्या लाचारी है ©Rajani Mundhra #lock down# stories#2