गुज़रे "वक़्त" को लौटा के बताए क़ोई, सभी वादों को "निभाकर" दिखाए क़ोई। जो न समझने की "जिद्द" किये बैठा हो, उसको ज़रा "समझा" कर बताए क़ोई। अर्स से फर्स पर आने में वक़्त नहीं लगता, "फर्स" से "अर्स" पर जा कर दिखाए क़ोई। #क़ोई गुज़रे "वक़्त" को लौटा के बताए क़ोई, सभी वादों को "निभाकर" दिखाए क़ोई। जो न समझने की "जिद्द" किये बैठा हो, उसको ज़रा "समझा" कर बताए क़ोई। अर्स से फर्स पर आने में वक़्त नहीं लगता, "फर्स" से "अर्स" पर जा कर दिखाए क़ोई।