हुस्न के कितने गुलाब सुख गये। रूह को आजमाने में। रूह आज भी आजाद है अपने जमाने में। कहाँ कैद कर पाया उसे कोई दिवांगी। अपने कैदखाने में। सब मूहँ के बल गिरे उसे आजमाने में। #Heartbeat