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हुस्न के कितने गुलाब सुख गये। रूह को आजमाने में।

हुस्न के कितने गुलाब सुख गये।
रूह को आजमाने में।

रूह आज भी आजाद है अपने जमाने में।

कहाँ कैद कर पाया उसे कोई दिवांगी।
अपने कैदखाने में।

सब मूहँ के बल गिरे उसे आजमाने में। #Heartbeat
हुस्न के कितने गुलाब सुख गये।
रूह को आजमाने में।

रूह आज भी आजाद है अपने जमाने में।

कहाँ कैद कर पाया उसे कोई दिवांगी।
अपने कैदखाने में।

सब मूहँ के बल गिरे उसे आजमाने में। #Heartbeat
narendrakumar3882

Narendra kumar

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