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खामोश रहकर वो सताने लगा है , दिल में जो कुछ भी है


खामोश रहकर वो सताने लगा है ,
दिल में जो कुछ भी है छिपाने लगा है।

हर शाम बेवजह यूं हाल पूछने वाला ,
बेखबर हूं तुझसे अब ये जताने लगा है ।

ना जाने कैसी कशमकश है उसके दिल में,
मेरे बेचैन दिल को भी वो आजमाने लगा है । 

खामोशी की अब और कोई इम्तिहान नहीं,
बिन बोले वो दिल की बात बताने लगा है ।

उसके बेरुख अंदाज से कौन वाकिफ नहीं ,
अपनेपन की चाहत से यूं बेगाना बनाने लगा है ।

वन्दना यादव ✒️✒️✒️
18/6/24
11:31 p.m

©Vandana Yadav
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