अब कैसे बताऊ में उन्हें गया तो में भी था बाकियों की भांति बाहर काम करने कुछ कमाने अपना कुछ नाम बनाने एक बीमारी ने इस सर् जमी पर अपने क़दम क्या रखे सारे सपनों से मेरा नाता टूट गया काम छूटा किराये का घर छूटा पैसो का आभाव भुखमरी से हालात पैदा हो गए आभाव कुछ इस कदर था पैसो का की घर भी नही जा सकता था शायद दुकानों ने भी हमसे अपना नाता तोड़ लिया था सारा बाज़ार सूना था पेट के लिए कुछ ख़रीदे भी तो कहा से, पानी की हर बूँद संभाल कर रखा था मैंने ना जाने कहाँ मेरा कंठ सूखा कुआँ बन जाय अब घर जाने के अलावा कोई सहारा भी नही था खाली पेट अपने गाँव की तरफ़ बढ़ते मेरे कदम अक़्सर रुक जाया करते, कहि पूछ बैठे मेरे पत्नी औऱ बच्चें मुझसे हमारे लिए क्या लेकर आए हो तो क्या जबाव दूँगा मे उन्हें, क्या यहीं बोलूँगा खाली हाथ गया था और खाली हाथ वापस आया हु ये सोच कर की खाली पेट जाग जरूर रहा हु पर खाली पेट सोना नही पड़ेगा lockdown part - 2 #corona #tranding #quote #nojotohindi #nojotowriter #lockdown #nojotonews #nojotooriginal #indianlabour #pmo