वो शब्द चंद जो लिखे थे भारत के संविधान में उन शब्दों की ताकत को हमने आज ललकारा है मैदान में धारा 370 जिससे जम्मू ने अलग राज्य का दर्जा पाया इसके कारण कश्मीर में अब तक कभी तिरंगा ना लहराया।। इंतज़ार किया है 70 साल ,कितने ही अलगावी लश्कर झेले घाटी के हर घर में अब तक अफजल और बुरहान ही खेले, अब समय निकट है,घड़ी विकट, राह कोई नजर नही आती बलशाली हो भले बुराई,अंत समय को है पाती कल तक पाक का था गुणगान जहाँ पर आज वहां "जय हिंद" का जयकारा है।। आओ दरवाजे खोलो,,,,, पत्थर फेको ओ गद्दारों भारत के शेरो ने आज तुम्हे ललकारा है।।। ©कपिल ##खेल खत्म ##370 समाप्त##