हार
हारा मैं खुद से हि हारा हूँ।
जीने की चाह में खुद से हि हारा हूँ।
कोशिस हर बार मैं जीने की करता हि रहता हूँ।
बस एक मुस्कराहट पाने की तलाश मे पल पल मरता रहता हूँ
याद आती हैं बाते जो में हँसकर तेरे साथ करता था।
उठा हैं सवाल दिल म मेरे छोड़ा क्यू मुझे एसे हाल पर। #poem#OneSeason