" मेरे हिस्से का हिंदुस्तान " मां की थपकी के साथ , नींद के आगोश से उठना, तैयार होना, उसी की घिसी-पिटी जिंदगी के लिए। याद करना जीवन की जरूरतों को फिर जी तोड़ महेनत करना उसी के लिए। फिर स्टेशन पर सुबह खड़े दोस्तों के झुंड का ये कहना, की तू पंख फैला उड़ान अभी बाकी है, "तेरे हिस्से का ' हिंदुस्तान 'अभी बाकी है " Next part is pending… …। ©Adv..A.S Koura #indianapp #myindia