पेज-96 उस कन्यादान के दृश्य ने सारे घराती बारातियों को सोचने पर विवश कर दिया.. क्या सच में कन्यादान से बड़ा भी कोई दान हो पायेगा...? तब तक सुधा भावुक हो उठी और भैया की एक रचना उसे याद आ गई.. आगे कैप्शन में.. 🙏🙏 ©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी पेज-96 बिटिया बाबुल की राजदुलारी कैसे बाबुल कर दे विदाई..! जिस घर जन्मी जिस घर खेली उस घर से ही आज पराई..! कैसे बाबुल कर दे विदाई..!