White किसने कह दिया कि रात सोने को मिली है, यह तो गुप चुप तन्हाईयों में रोने को मिली है। अब ज़माना ना रहा दिन–दहाड़े दीवानगी का, सन्नाटे भरी रातें आशिक़ होने को मिली है। ©एस पी "हुड्डन" #रातें