Caption ✍ जो लिखा है अभी अभी पन्नों की स्याही वो सूखी नही न जाने क्या लिखना है मुझे कोई ख्याल अब तक रूकी ही नही। अल्फाज़ो के इस दरिया में मै डूब रहा हूँ आहिस्ता न जाने क्या है वो चाहती