रिश्तें और आशाएँ आज कल के रिश्ते बनते बाद में है , पर उनसे आशायें पहले जुड़ जाती है , और वक़्त दर वक़्त आशाएं इतनी बढ़ जाती है, की वो रिश्तों पर भरी पड़ जाती है , इसलिए रिश्ते जरूर बनाइये , पर आशायें जरा कम रखियें | #RISHTE #AASHAYEIN #NOJOTOHINDI #NOJOTOPOEMS