मैं कविता नहीं एहसास लिख रहा हूँ आज तुम्हारे लिये कुछ ख़ास लिख रहा हूँ, जब मैं तुमसे मिला, तुम अलग सी लगी हम रोज़ मिलने लगे, फ़िर दूर हो गए आज तुमसे मिलने की आस लिख रहा हूँ तुम्हारे लिए कुछ ख़ास लिख रहा हूँ... अजनबी से तुम पहचान बन गयी पहचान बढ़ते बढ़ते जान बन गयी, मेरी जान तुमको जीने की प्यास लिख रहा हूँ तुम्हारे लिए कुछ ख़ास लिख रहा हूँ... तेरे आने-जाने से मैं शायर बना शब्द काग़ज़ पे कैसे बैठते, पता ही नहीं, अपने सीने में दबी साँस लिख रहा हूँ आज तुम्हारे लिये कुछ ख़ास लिख रहा हूँ...!! -Dev Patidar #ehsaas #nojoto #nojotopoetries #thought