Nojoto: Largest Storytelling Platform

ईंट-पत्थरों को पोत-पात कर बना तो लिया है मकान तुमन

ईंट-पत्थरों को पोत-पात कर बना तो लिया है मकान तुमने,
क्या करोगे प्यार से सजे रिश्तों का, कहा जिसे दुकान तुमने।

वक़्त की आँधियों से ढेर हुए जब तुम, तब किसने संभाला?
बन अनजान, क्यों भीगी दुआ को किया लहू-लुहान तुमने? 

सिक्कों की खनकती आवाज़ से आती क्या नींद सुकूँ की? 
लोरी से धड़कती धड़कन पे, क्यों दिया नहीं धियान तुमने? 

किसी से रिश्ता बिगाड़कर, कब-तलक यूँ मुस्कुरा पाओगे? 
उन की वारी हुई ख़ुशियों को, कैसे कह दिया गुमान तुमने? 

बे-घर है 'धुन' कुछ समझती नहीं, तुम्हें तो कोई कमी नहीं! 
अपने ही हाथ से अपने का फिर कैसे किया ज़ियान तुमने?
                -संगीता पाटीदार 'धुन'  ज़ियान- Loss 



नमस्कार लेखकों🌺

Collab करें हमारे इस #RzPoWriMoH1 के साथ और "मकान" पर कविता लिखें।
ईंट-पत्थरों को पोत-पात कर बना तो लिया है मकान तुमने,
क्या करोगे प्यार से सजे रिश्तों का, कहा जिसे दुकान तुमने।

वक़्त की आँधियों से ढेर हुए जब तुम, तब किसने संभाला?
बन अनजान, क्यों भीगी दुआ को किया लहू-लुहान तुमने? 

सिक्कों की खनकती आवाज़ से आती क्या नींद सुकूँ की? 
लोरी से धड़कती धड़कन पे, क्यों दिया नहीं धियान तुमने? 

किसी से रिश्ता बिगाड़कर, कब-तलक यूँ मुस्कुरा पाओगे? 
उन की वारी हुई ख़ुशियों को, कैसे कह दिया गुमान तुमने? 

बे-घर है 'धुन' कुछ समझती नहीं, तुम्हें तो कोई कमी नहीं! 
अपने ही हाथ से अपने का फिर कैसे किया ज़ियान तुमने?
                -संगीता पाटीदार 'धुन'  ज़ियान- Loss 



नमस्कार लेखकों🌺

Collab करें हमारे इस #RzPoWriMoH1 के साथ और "मकान" पर कविता लिखें।

ज़ियान- Loss नमस्कार लेखकों🌺 Collab करें हमारे इस #RzPoWriMoH1 के साथ और "मकान" पर कविता लिखें। #yqdidi #YourQuoteAndMine #NAPOWRIMO #sangeetapatidar #yqrestzone